Protests erupt outside Kasba Police station as 3 arrested in alleged Kolkata college gang rape
उन्होंने कहा कि इससे पहले भी कई मौकों पर अवैध प्रवासियों को भारत भेजा गया है। विदेशमंत्री ने इस बारे में पुराना डेटा भी शेयर किया। उन्होंने बताया कि साल 2009 में 734 लोगों को वापस भेजा गया था।
नई दिल्ली। अमेरिका से अवैध भारतीय प्रवासियों को वापस भेजे जाने के बारे में विदेशमंत्री डॉ. एस जयशंकर ने आज राज्यसभा में वक्तव्य दिया। उन्होंने सदन को बताया कि अमेरिका से वापस भेजे गए लोगों के साथ दुर्व्यवहार नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि इस तरह के मामलों में साल 2012 से एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) लागू है।
उन्होंने कहा कि इससे पहले भी कई मौकों पर अवैध प्रवासियों को भारत भेजा गया है। विदेशमंत्री ने इस बारे में पुराना डेटा भी शेयर किया। उन्होंने बताया कि साल 2009 में 734 लोगों को वापस भेजा गया था। उसके बाद 2013 में 550 लोगों को भारत डिपोर्ट किया गया था। 2019 में 2042, 2020 में 1889, 2021 में 805 लोगों को डिपोर्ट किया गया। इसी तरह 2022 में 862, 2023 में 670 और 2024 में 1368 लोगों को डिपोर्ट किया गया। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने सिर्फ उन लोगों को ही वापस भेजा है, जो अवैध रूप से वहां रह रहे थे।
उन्होंने कहा कि पांच फरवरी को अमेरिकी उड़ान के लिए पिछली प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं किया गया है। हम निश्चित रूप से अमेरिकी सरकार से संपर्क कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वापस भेजे गए लोगों के साथ उड़ान के दौरान किसी भी तरह का दुर्व्यवहार न हो।
विदेशमंत्री एस जयशंकर ने कहा कि अमेरिका द्वारा निर्वासन का आयोजन और क्रियान्वयन आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन अधिकारियों द्वारा किया जाता है। आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले विमानों द्वारा निर्वासन का एसओपी जो 2012 से प्रभावी है, संयम बरतने का प्रावधान करता है। हमें सीमा शुल्क प्रवर्तन द्वारा सूचित किया गया है कि महिलाओं और बच्चों को नहीं रोका जाता है।
एस जयशंकर ने कहा कि हम अमेरिकी सरकार के साथ बातचीत कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि लौटने वाले निर्वासितों के साथ किसी भी तरह का दुर्व्यवहार न हो।
उल्लेखनीय है कि अमेरिका ने वहां अवैध तरीके से रह रहे 104 भारतीयों को कल अपने सैन्य विमान से अमृतसर (भारत) हवाई अड्डे पर भेजा था, जिन्हें बाद में उनके गंतव्य राज्यों तक भिजवाया गया। इनमें 25 महिलाएं और 12 अवयस्क हैं।